गुरुवार, दिसंबर 01, 2016

तोता और उसकी पर्ची

सोशल मीडिया में यह खबर गरम है कि साहेब के पास एक पर्ची निकालने वाला तोता है.

हमें पता चला है कि वो तोता उन्हें उनके एक खास दोस्त ने गिफ्ट किया था और तब से वो तोता साहेब के साथ उनके घर पर ही रहता है और साहेब उसी तोते से पर्ची निकलवा कर नित नई घोषणा करते हैं.
आज सुबह जब साहेब जागे तब तोता बोला...’जिओ’
साहेब ने समझा कि तोता आशीष दे रहा है इतना अच्छा बहादुरीपूर्ण अथक काम करने के लिए ...
साहेब भावुक हो उठे कि और कोई समझे न समझे, कम से कम यह पंछी तो समझ रहा है. आँख में नमी एवं अवरुद्ध कंठ लिए अनु्ग्रहित होने वाले ही थे कि तोता हँसा और बोला ...अब ३१ मार्च तक फ्री :)
साहब मुस्करा दिये और फिर दोस्त को फोन करके पूरी घटना विस्तार से बताई.
फिर साहेब भी खूब हँसे और दोस्त भी खूब हँसा..
तोता खून के आँसू पीकर अगली पर्ची निकालने के इन्तजार में लाल मिर्ची खाने लगा....
//नोट: कृप्या इस को किसी भी घटना या व्यक्ति विशेष से जोड़ कर न देखें. तोते को दुख होगा.//
-समीर लाल ’समीर’
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8 टिप्‍पणियां:

कविता रावत ने कहा…

तोता बाबा है साहेब का ..
बहुत खूब!

PRAN SHARMA ने कहा…

Laajawaab .

Pratibha Verma ने कहा…

hahaha...nice one.

Shiam ने कहा…

I think we should import more such parrots to change our life. Shiam Tripathi

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि- आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा आज शनिवार (03-12-2016) के चर्चा मंच

"करने मलाल निकले" (चर्चा अंक-2545)

पर भी होगी!
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

हा हा ।

Onkar ने कहा…

बहुत खूब

दिगम्बर नासवा ने कहा…

साहेब ऐसे ही थोड़े बन गए हैं ... मस्त समीर भाई ...