गुरुवार, नवंबर 26, 2009

हे नेता!! तेरी बहुत याद आती है!

netaji

देश है तो जनता है
जनता है तो नेता हैं

नेता है तो गाड़ी है
गाड़ी है तो सड़कें हैं
सड़के हैं तो गढ्ढे हैं
गढ्ढे हैं तो उनको भरने के वादे हैं
वादे करके उनकी सुधि कौन लेता है
वादा खिलाफी है तो नेता हैं.

सड़कें हैं तो भीड़ है
भीड़ है ट्रेफिक जाम है
ट्रेफिक जाम है तो धुँआ है
धुँआ है तो बीमारी है
बीमारी है तो अस्पताल है
अस्पताल है तो डॉक्टर हैं
डॉक्टर हैं तो नर्सें हैं
नर्सें हैं यानि कि लड़कियां हैं
लड़कियाँ हैं तो छेड़खानी है
साथ में चलती मनमानी है
मनमानी जो करते हैं नेता के लड़के हैं
नेता के लड़के हैं तो दबदबा है
दबदबा है तो नेता हैं.

मनमानी है तो बलात्कार है
बलात्कार है तो पुलिस है
पुलिस हैं तो चोर हैं
चोर हैं तो पैसा है
पैसा है तो बिल्डिंगें हैं
बिल्डिंगे हैं तो बिल्डर हैं
बिल्डर हैं तो जमीन के सौदे हैं
जमीन के सौदे हैं तो घोटाले हैं
घोटाले हैं तो नेता हैं.

घोटाले हैं तो घोटाला करने वाले हैं
घोटाला करने वाले हैं तो धन्धे काले हैं
धन्धे काले हैं तो छानबीन वाले हैं
छानबीन यानि कि सरकारी मुलाजिम हैं
सरकारी मुलाजिम हैं तो भ्रष्टाचार है
भ्रष्टाचार है तो नेता हैं.

सरकारी मुलाजिम हैं तो काम चोरी है
कामचोरी है तो हड़ताल है
हड़ताल है तो धरना प्रदर्शन है
धरना प्रदर्शन है तो तोड़ फोड़ है
तोड़फोड़ है तो समाचार है
समाचार है तो मिडिया है
मिडिया है तो नेता हैं.

धरना प्रदर्शन है तो बाजार बंद है
बाजार बंद है तो लोग परेशान हैं
परेशान लोग जनता है
जनता है तो वोट हैं
वोट हैं तो चुनाव हैं
चुनाव है तो ताकत प्रदर्शन है
ताकत प्रदर्शन है तो बूथ केप्चरिंग है
बूथ केप्चरिंग है तो अपराध हैं
अपराध हैं तो नेता हैं.

तो जब कभी
वादा खिलाफी, दबदबे, घोटाले,
भ्रष्टाचार, मिडिया या अपराध
की बात आती है...
हे नेता,
हमको तेरी बहुत याद आती है
.

-समीर लाल ’समीर’

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75 टिप्‍पणियां:

श्यामल सुमन ने कहा…

काँटे हैं ज्यादा यहाँ और बहुत कम फूल।
जो सारे दुष्कर्म हैं नेता उसका मूल।।

जय हो समीर भाई।

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com

ब्लॉ.ललित शर्मा ने कहा…

हे नेता,......................... आगे याद करे क्या नरक मे जाना है? बस अब और नही इनका "गरुड़ पुराण" बंचवा दो-जय हिंद

Dr. Shreesh K. Pathak ने कहा…

".....तो नेता हैं...!" बाप रे आपको डर नहीं लगता...
भई..
देश में अपने प्रजातंत्र है,
नेता हैं..तो ही हम हैं..!!!

आज नेताओं की याद कैसे आ गयी..महामहिम ..!
कहीं किसी नेता का अब टिकट तो नहीं कटा..हम आयेंगे आपके चुनाव-प्रचार में..एकदम मुफ्त में करेंगे परचार अगर फुरसतिया जी भी एक्को डालर नहीं लेंगे तो...:)

वाणी गीत ने कहा…

वादा खिलाफी, दबदबे, घोटाले,
भ्रष्टाचार, मिडिया या अपराध
हर बात में आती है तेरी याद ....!!

M VERMA ने कहा…

नेता है तो लेता
लेकर फिर थोडा सा देता है
देता है तो जयकार है
जयकार है तो सरकार है
जय नेता की

साधना वैद ने कहा…

बहुत सटीक व्यंग है । यथार्थ के धरातल पर दुर्भाग्य से आज के युग का यही सबसे बड़ा सच है ।

अजय कुमार ने कहा…

बहुत सटीक निशाना , आज के नेताओं का सही चरित्रचित्रन, कलई खोल दी आप ने , बधाई

देवेन्द्र पाण्डेय ने कहा…

ये नये किस्म के मच्छर हैं
कुछ उल्टे सीधे अक्षर हैं
सीधे हैं तो गुंडे हैं
गर उलट गए तो
डेंगु हैं।
--हे नेता हमको तुम्हारी बहुत याद आती है।
-करारा व्यंग्य है.

अजय कुमार झा ने कहा…

ढेर याद आ रहा है का ..भेज दें एक आध ठो को देख लिजीये ...बाद में मत कहियेगा कि कौन घडी में ई डिमांड रख दिए थे भाई

Arvind Mishra ने कहा…

दुश्चक्रों ,दुरभिसंधियों को आशु वचन स्टाईल में अनावृत्त करते भये हैं !उम्दा !

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) ने कहा…

आदरणीय समीरजी....

सच कह रहे हैं आप..... वादा खिलाफी है तो नेता हैं... बहुत ही सटीक और करार व्यंग्य....

नीरज गोस्वामी ने कहा…

नेताओं का कच्चा चिठ्ठा खोले के लिए धन्यवाद...लेकिन आप कुछ भी लिखें नेताओं को कोई फर्क नहीं पढता...चिकने घड़े हैं सभी...
नीरज

रविंद्र "रवी" ने कहा…

क्या बात काही ही सरजी आपने. बहुत हि बढीया कविता है

दिनेशराय द्विवेदी ने कहा…

याद आए उस से पहले तो हर मोड़ पर वह आ खड़ा होता है।

पी.सी.गोदियाल "परचेत" ने कहा…

आपने अपनी सुन्दर कविता में जो नेता की जितनी भी खूबिया गिनाई दुनिया के इस अजीबोगरीब हरामखोर प्राणी की एक भी सकारात्मक खूबी नहीं नजर आई !

उम्मतें ने कहा…

निज कुनबे का उत्थान करे
जिस बन्दे से भगवान डरे
वो एकमेव खल्पट लम्पट
पर सदाचार का गेता है
वो नेता है तो लेता है
जो लेता है तो जनता* है
कुछ स्केंडल कुछ समाचार
जिनके बल पर कुछ पत्रकार
जी पाते है उसको ध्याते हैं
वो नेता है तो देता है
लम्बी रातें काली रातें
जनता की छाती पर चढ़कर
कुछ थोडा सा आगे बढ़कर
वो नेता है तो जनता* है
इक नया देश छलनी छलनी
इक कुरुवंश सौ कुरु प्रदेश

पुनश्च :
समीर भाई ये बहुत फर्टाइल विषय है जरा ऊपर नमूना देखिये सच कहूं तो समय के अभाव में लिखना बंद कर रहा हूँ वर्ना ..... ...और हाँ ( जनता *= पैदा करता )

Mithilesh dubey ने कहा…

अरे वाह समीर सर जी । आपने हमारे यहाँ की भ्रष्ठटता का चरित्र चित्रण बड़ी ही खूबसूरती से किया है । बहुत बढ़िया

रज़िया "राज़" ने कहा…

वाह भाई वाह!!!!!क्या याद है आपकी!!! हमें भी रुला दिया॥

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

जब कभी
वादा खिलाफी, दबदबे, घोटाले,
भ्रष्टाचार, मिडिया या अपराध
की बात आती है...
हे नेता,
हमको तेरी बहुत याद आती है.

बहुत खूब जनाब!

रोटी है,
बेटी है,
बँगला है,
खेती है,
सभी जगह घोटाले हैं,
कपड़े उजले हैं,
दिल काले हैं,
उनके भइया हैं,
इनके साले हैं,
जाल में फँस रहे,
कबूतर भोले-भाले हैं,
हे नेता,
हमको तेरी बहुत याद आती है.

अन्तर सोहिल ने कहा…

केवल यही तो बातें रोज हैं इसलिये नेता की याद जाती ही नही जी
फिर आयेगी कैसे ?


अपराध है तो रिश्वत है
रिश्वत है तो बरकत है
बरकत है तो पैसा है
पैसा है तो कैसा है
सफेद है या काला है
ये बाबू नेता का साला है
साला है यानि रिश्ता है
आम आदमी पिसता है


प्रणाम स्वीकार करें

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

तो जब कभी
वादा खिलाफी, दबदबे, घोटाले,
भ्रष्टाचार, मिडिया या अपराध
की बात आती है...
हे नेता,
हमको तेरी बहुत याद आती है.


ऐसे में ताऊ को काहे नही याद करते जी?:)

बेहद सटीक.

रामराम.

पंकज सुबीर ने कहा…

समीर भाई क्‍या वहां कनाडा में नेता नहीं होते जो आपको उनकी याद आ रही है । कविता में जो सिलसिला बातों का जोड़ा है वो एक अनोख आनंद पैदा कर रहा है । हर पिछली बात के साथ अगली बात का जबरदस्‍त तारतम्‍य है । पूरी कविता समन्‍वय की कविता है समनवय इस बात का कि सारी चीजें किस प्रकार से एक दूसरे से जुड़ी हैं ।

Murari Pareek ने कहा…

ये अजीब नेता है ! जो खलनायिकी की दुनिया के अभिनेता है !!! भरष्टाचार की सुध मिटटी से बने हैं !! रोम रोम में भ्रष्टाचार प्रवाहित होता है इनके !!!किसी भी प्रकार की कोई मिलावट नहीं सुध भ्रष्ट !! नेता!!!

Khushdeep Sehgal ने कहा…

भ्रष्टाचार के सागर में गोते लगाओ जमके,
ये देश जागीर है हमारी, दामाद है हम इसके...
बड़ा जिगरा चाहिए बेशर्मी के सफर पे,
कोई माइ का लाल दिखाए तो
इतनी मोटी चमड़ी का बन के....
ये देश है हमारा, हम तो खाएंगे
जनता को नोच-नोच के और तन के....

मॉरल ऑफ द स्टोरी....नेता देश के प्राण हैं

जय हिंद...

सागर ने कहा…

आपने को नेता का मान बढा दिया सर... ऐसे ही वो सर पर चढ़ कर नाच रहे हैं... जो अपना नाम देख कर खुश होते है... यह थोड़े ही देखेंगे की यह नाम किस सन्दर्भ में आ रहा है...

डॉ महेश सिन्हा ने कहा…

गोलमाल है भाई सब गोलमाल है

Gyan Dutt Pandey ने कहा…

बिल्कुल सही जी। आदमी है तो मौत है, मौत है तो मरघट है। मरघट चुन्गी लेता है। चुन्गी है तो नेता है!

वन्दना अवस्थी दुबे ने कहा…

सरकारी मुलाजिम हैं तो काम चोरी है
कामचोरी है तो हड़ताल है
हड़ताल है तो धरना प्रदर्शन है
धरना प्रदर्शन है तो तोड़ फोड़ है
तोड़फोड़ है तो समाचार है
समाचार है तो मिडिया है
मिडिया है तो नेता हैं.
बढिया है.

Amrendra Nath Tripathi ने कहा…

एक कहावत है ---
'' कहीं का ईंट कहीं का रोड़ा
भान मती ने कुनबा जोड़ा | ''
आपने गजब शब्दों को जड़ने का
काम किया है , अच्छा बन पड़ा है ---
जैसे , '' पुलिस हैं तो चोर हैं '' आदि ... अच्छा व्यंग्य ...

रश्मि प्रभा... ने कहा…

aapki lekhni , aapki soch....jawaab nahi

अमिताभ श्रीवास्तव ने कहा…

bahut khoob ji
mujhe bahut dino baad SHARAD JOSHI JI yaad aa gaye..

शरद कोकास ने कहा…

बहुत बढ़िया रचना है । ऐसे ही नेताओं के लिये केदार जी ने लिखा है...
आपके पाँव तो देवताओं के पाँव हैं
जो ज़मीन पर नहीं पड़ते
हम तुम्हे वंदन करते हैं हे नेता

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद ने कहा…

लड़कियाँ हैं तो छेड़खानी है
साथ में चलती मनमानी है

मनमानी है तो गाली खानी है
ऐसी ही चलती रहे लंतरानी है:)

प्रवीण त्रिवेदी ने कहा…

सच्ची में हमको भी बहुत याद आती है ..........
























पर आपकी ................!!!!!!!!!!!!!!!!

dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह } ने कहा…

यह सब है
तभी तो पोस्ट है
और उस पर टिप्पणी है .

mehek ने कहा…

चुनाव है तो ताकत प्रदर्शन है
ताकत प्रदर्शन है तो बूथ केप्चरिंग है
बूथ केप्चरिंग है तो अपराध हैं
अपराध हैं तो नेता हैं.
waah sir ji,kya baat hai. dabdaba,vada khilafi,ghotala,apradh sabhi se netaji jude hai:), jis dhang se netaji ke in guno ko kavita mein piroya hai,waah maza aa gaya.

समयचक्र ने कहा…

सामयिक सटीक अभिव्यक्ति रचना के माध्यम से बहुत बढ़िया लगी. सारी बुराइओ की जड़ नेता लोग ही है .....

समयचक्र ने कहा…

सामयिक सटीक अभिव्यक्ति रचना के माध्यम से बहुत बढ़िया लगी. सारी बुराइओ की जड़ नेता लोग ही है .....

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" ने कहा…

तो जब कभी
वादा खिलाफी, दबदबे, घोटाले,
भ्रष्टाचार, मिडिया या अपराध
की बात आती है...
हे नेता,
हमको तेरी बहुत याद आती

ऎसा कीजिए कि आप एक लाकेट में नेता जी की तस्वीर मंडवाकर गले में धारण कर लीजिए ।
हमेशा आपके अंग-संग रहेंगें :)

शेफाली पाण्डे ने कहा…

जब घंटों तक बिजली पानी नहीं आती है
नेताओं की हमें भी बहुत याद आती है .....बढ़िया व्यंग्य ..

अनूप शुक्ल ने कहा…

बहुत मौज लेते हो नेताजी से। दौड़ा लेंगे कभी तो भागते न बनेगा भईये।

Yogesh Verma Swapn ने कहा…

wah , neta ka charitra chitran kya kareene se kiya hai, sameer ji, ye kamaal man bha gaya.

प्रकाश पाखी ने कहा…

जय जय जय नेता गुसाई,
कृपा करो करो जेब भराई
नेता रूप धरी वादा कराइ
रूप शाह धर प्लान बनाई
प्लान बना जो बजट बनाया
ले बजट फिर टेंडर सजाया
बन ठेकेदार तूने टेंडर उठाया
रोड नहीं बस पैसा बनाया
भूत प्रेत पिशाच निशाचर
कर ना पाए तुमसे बढ़कर
तूही तू तू ही तू है एक नेता
अपना ही देश है लगा पलीता
जय नेता जय हो जय हो
स्विस बैंक में आपकी लय o

राजा कुमारेन्द्र सिंह सेंगर ने कहा…

इसे पढ़ कर बहुत पहले जावेद अख्तर जी को लेकर बना एक विज्ञापन याद आ गया,
एक चीज और नेता है तो नेता है...................

राज भाटिय़ा ने कहा…

समीर जी नेता ओर सडके तो यहां भी है, लेकिन हमारे देश जेसे महान नेता कहां जी, बहुत अच्छी कविता.
धन्यवाद

अर्कजेश ने कहा…

खूब गोल गोल घुमाए । हर मर्ज की एक ही वजह । हर बीमारी की एक ही दवा ।

विकल्प ने कहा…

मजेदार जोड़ियाँ बनी.

राजेश स्वार्थी ने कहा…

वाह, नेताओं की पोल पट्टी खोल दी.

कविता रावत ने कहा…

हे नेता,
हमको तेरी बहुत याद आती है.

Ye neta to hain jo achhanak hi upar udhkar maanniya bana liye jate hai or padhe likhe ji hujuri mein lag jate hai.....
Bahut hi achhi rachna
Shubhkamnayen...

साधवी ने कहा…

एकदम करारा वार.

Rishu ने कहा…

बहुत खूब!!

दिगम्बर नासवा ने कहा…

JAI HO SAMEER BHAI ... SAHI NETA BAKHAAN HAI ... KARAARA TAMAACHA HAI AAJ KE HALAAT PAR ....

Shiv ने कहा…

बढ़िया.
वैसे देखा जाय तो ये अच्छा है कि जनता को नेता की याद बराबर आती है और नेता को जनता की याद पाँच साल में एक बार. जिनता
याद हम नेता को करते हैं उतना वह करने लगे तो सोचिये क्या होगा?

Prem Farukhabadi ने कहा…

sameer bhai,

Neta ko yaad karne ka tareeka rochak laga. badhai!!

Blog of the month foundation and Etips blog and Blog Seva ने कहा…

समीर लाल की उड़न तश्तरी... जबलपुर से कनाडा तक...सरर्रर्रर्र...को ब्लॉग आफ द मंथ का पुरस्कार
Udantastri blog se anurodh hai ki vah hamare dwara diye gaye samman ko svikar karen..

रंजना ने कहा…

बिलकुल सही कहा ... नेताओं से ही दुनियां है...इन्ही से सब शुरू इन्ही पर सब ख़तम....

मथुरा कलौनी ने कहा…

समीर जी
आपकी जय हो।
उनके कर्मों, अकर्मों और कुकर्मों के कारण नेता को भूलना कठिन है।

Gyan Darpan ने कहा…

बात आपकी सोलह आने सच है हर काम के मूल में नेता ही होता है ! काम चाहे अच्छा हो या बुरा ! काम करने वाली टोली की किसी भी कार्य की सफलता व असफलता उस टोली के नेता पर ही निर्भर करती है |

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून ने कहा…

भाई यूं नेताओं को याद कर कर
के विचलित न हों...
जितने चाहो यहां से ले जाओ.
(बल्कि हम तो जीवन भर आपके ऋणी रहेंगे)

Urmi ने कहा…

आपने बहुत ही शानदार और ज़बरदस्त रचना लिखा है! हर एक पंक्तियाँ सच्चाई बयान करती हैं! बधाई!

डॉ टी एस दराल ने कहा…

अजी, नेताओं की इतनी तारीफ़ कर दी, क्या इसके लायक हैं।
वैसे जनता क्या दूध की धुली है?

Alpana Verma ने कहा…

'neta ji 'par aisee badhiya kavita shayd abhi tak kisi ne nahin likhi hogi.

waah!

सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी ने कहा…

इतनी दूर रहकर आप जिन्हें इतनी शिद्दत से याद करते हैं, हम उन्हीं के रहमोकरम पर रहकर रोज पानी भरते हैं...। किसका कितना दुःख...?

पूनम श्रीवास्तव ने कहा…

Sameer ji,
Itana kamba Neta puran---kisi neta ko bhee padhva denge to achchha rahega.
shubhakamnayen.
Poonam

शोभना चौरे ने कहा…

hmare desh me har cheej neta se kis had tak judi hai aapne bahut hi achhe dhang se bta diya .

itne tane sunkakar bhi neta neta hi hai

Ashok Pandey ने कहा…

हमारे नेताओं के बारे में कुछ भी कहना सूरज को रोशनी दिखाने के बराबर है। भारत पर इनके इतने उपकार हैं कि एक सच्‍चे भारतीय को इनकी याद आना स्‍वाभाविक है।

प्रिया ने कहा…

hamare.....bharat ki bilkul saaf, sacchi tasveer dikhai aapne.....par galat to ham bhi hote hai kahin na kahin.....but accha laga

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

सच समीर जी
कितना सहज समीकरण
एक अनुभवी ही देख सकता
आनंद आ गया

शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद'' ने कहा…

यानी हर समस्या की एक ही जड???
अब समाधान भी लिख ही डालिये हुजूर..
शाहिद मिर्ज़ा शाहिद

डॉ.भूपेन्द्र कुमार सिंह ने कहा…

wah sameer bhai ,kya khoob kaha is baar apne ,meja aya kahana theek nahi .I can realise yr feelings and agony.
Yr presence inspires us always.
with regards ,
dr.bhoopendra
jeevansandarbh.blogspot.com

बेनामी ने कहा…

नेताओं पर कुछ भी लिखो उन्हे पढ़ना नही आता

amit ने कहा…

वाह :)

yogendranath dixit ने कहा…

netaji ki achchhi paribhasha apne diya bahut bahut dhanyabad

yogendranathdixit ने कहा…

netaji ki paribhasha achchhi hai

Unknown ने कहा…

neta log bhagwan se darte hai ki bhagwan neta se darte hai hame aaj tak nahi samjhme aaya
sabhi nastik neta murdabad ................. AMAR CHAUBEY BALLIA UP 09473684551 amarchaubey86@gmail.com